नीम्बू के कई फायदे और गुण,  घरेलू नुस्खे।

नीम्बू के कई फायदे और गुण, घरेलू नुस्खे।

Size
Price:

और पढ़ें

नींबू के औषधीय गुणों का फायदा हर मौसम में उठाया जा सकता है। यह बदलते मौसम के अनुरूप अपने गुणों को समायोजित कर मौसम से जुडी मोटी बीमारियों और दोषों से बचाता है। नींबू का मुख्य कार्य शरीर के खराब तत्वों को नष्ट कर उन्हें बाहर निकालना है। यह मुँह के स्वाद को ठीक करके भोजन के प्रति रुचि पैदा करता है। रक्त शुद्ध कर त्वचा को नई चमक देता है। नींबू को नमक में रखने से वह कई दिन तक ताजा  बना रहता है। नींबू की प्रकृति क्षारीय है और इसकी तासीर ठंडी होती है। सब्जियों में नींबू पकाते समय नहीं डालें, सब्जी पकाकर उतारते समय डालें। नीबू में साइट्रिक एसिड (अम्ल) होने पर भी पेट में इसका  दुष्प्रभाव नहीं होता। नींबू पेट में क्षार की उत्पत्ति करता है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नींबू में पाया जाने वाला फॉस्फोरस शरीर में नये तन्तुओं के विकास में सहायक होता है। नीबू की शिकंजी व्रत या उपवास के दिनों में अधिक मात्रा में पियें। नीबू पेट के सारे विकार पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देता है। शरीर में खराब एसिड व विष जमा होने से व्यक्ति बीमार होता है। सुबह एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर एक चम्मच अदरक का रस डालकर नित्य पीने से शरीर शुद्ध व नीरोग रहता है।
@जुकाम- दो चम्मच दानामेथी एक गिलास पानी में उबालें। उबलते हुए आधा पानी रहने पर पानी छानकर इसमें आधा नींबू निचोड़कर गर्मा-गर्म ही पियें। उबली हुई मेथी भी खायें। बुखार जुकाम, फ्लू, सर्दी, श्वास, (साइनोसाइटिस) में लाभ होगा। यह पेय रोजाना दो बार जब तक ठीक नहीं हो जायें, पीते रहें।
एक नींबू मोटे कपड़े में लपेटकर ऊपर से मिट्टी का लेप करके धीमी आग पर सेंकें। सिकने के बाद नींबू निकालकर काटकर गर्म-गर्म को ही चूस लें। जुकाम जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
पेट दर्द, सिरदर्द तथा जुकाम में -चाय में दूध की जगह नींबू निचोड़कर पियें। यह चाय दिन में तीन बार पियें |
गला बैठ जाए, गले में सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर दिन में तीन बार गरारे करने से लाभ होता है।
नकसीर में नींबू के रस की चार बूंद जिस नथुने से रक्त आ रहा हो, उसमें डालने से तुरन्त रक्त आना बन्द हो जाता है।
मूली पर नींबू के रस को निचोड़कर रोजाना खाते रहने से बार-बार नकसीर आना बन्द हो जाती है।
पाँवों में ज्यादा पसीना आने पर गर्म पानी के दो गिलास में एक नींबू का रस मिलाकर तलवो (Soles of feet) पर सिकाई करें |

घट्टा (Corns)-घट्टा (पैरों में कोल, कठोर गाँठ) पर नींबू का रस लगाकर रखने से नर्म पड़ जाते हैं। इस पर एक फाँक नींबू को भी बाँध सकते हैं। यह एक अजमाया हुआ सफल प्रयोग है।
सूती, ऊनी, सिल्कन, टेरीन, कैसा भी कपड़ा हो, नींबू के रस से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। नींबू के रस से पीतल के बर्तनों के धब्बे भी दूर हो जाते हैं।
पसीने को बदबू-नींबू के पत्तों को पीसकर मलने से पसीने की दुर्गन्ध दूर होती है। जहाँ कहीं दुर्गन्ध-युक्त पसीना आता हो, विशेषकर बगल में, जहाँ अधिकतर पसीना आता है, नींबू के पत्ते पीसकर मलें, बदबू नहीं आयेगी।

यदि मच्छर काटने पर तेज दर्द हो तो उस पर नींबू का रस लगायें। इसका रस नमक के साथ मिलाकर मकड़ी, खटमल, बर्र व मधुमक्खी के काटे स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
हृदय-रोग और उच्च रक्तचाप के रोगी रोजाना तीन बार नींबू का पानी पीते रहें, तनाव मुक्त रहें तो जरुर फायदा होगा।
रक्तस्राव- फेफडे, आमाशय, गुद, गर्भाशय और मूत्राशय से रक्त आने पर नींबू का रस ठण्डे पानी में मिलाकर दिन में तीन बार पीते रहने से आराम आ जाता है।
कमर-दर्द के इलाज के लिए चौथाई कप पानी में आधा चम्मच लहसुन का रस और एक नींबू का रस मिलाकर रोजाना दो बार पियें। यह पेय कमर दर्द में लाभदायक है। समान मात्रा में नींबू का रस और अदरक का रस (1-1 चम्मच) मिलाकर गर्म करके कमर-दर्द वाली जगह पर लगाये । नींबू और अदरक का रस काँच की बोतल में भरकर फ्रीज में रखने से खराब नहीं होता है ।





आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए एक गिलास पानी में एक नींबू के रस को निचोड़कर सुबह खाली पेट हमेशा पीते रहें। नेत्र ज्योति ठीक बनी रहेगी तथा बढ़ेगी। इससे पेट साफ रहता है। शरीर स्वस्थ रहता है। नीरोग रहने का यह प्राथमिक उपचार है।
धूम्रपान की आदत को छोड़ने के लिए-नींबू चूसें। नींबू पानी पियें। जीभ पर बार-बार नींबू के रस की पाँच बूंद डालें और स्वाद खट्टा बनाये रखें। धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू खाने की आदत छूट जायेगी।
नाखूनों पर रोजाना नींबू रगड़े, रस सूख जाने के बाद पानी से धोयें। इससे नाखूनों के रोग ठीक हो जाते हैं।
प्याज पर नींबू, सेंधा नमक डालकर खाने से प्यास कम लगती है।
मुँह से बदबू आने पर एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर दो चम्मच गुलाबजल डालकर भोजन के बाद इस पानी से तीन कुल्ले करके बचा सारा पानी पी जायें। मुँह से दुर्गन्ध नहीं आयेगी।
रोजाना नींबू व पानी में स्वाद के लिए चीनी या नमक डालकर सुबह खाली पेट पियें। रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी डालकर पियें। लम्बे समय दो महीने तक प्रयोग करने से मुंह में छाले होना बन्द हो जाते हैं।
नींबू में चीनी, काला नमक, काली मिर्च भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता है। खाँसी का तेज दौरा ठीक हो जाता है।
पोदीने के 30 पत्ते, आठ कालीमिर्च पिसी हुई, एक गिलास पानी स्वादानुसार नमक मिलाकर उबालें। उबलते हुए आधा पानी रहने पर छानकर आधा नींबू निचोड़कर सुबह-शाम पियें। खाँसी तथा बुखार (फीवर) में लाभ होगा।
खट्टी चीजें सेवन करने से खाँसी बढ़ती है। सामान्य खाँसी वाले नींबू का सेवन न करें।

सावधानी


-पैर के जोड़ों में दर्द, गले के टॉन्सिल, पेट में घाव (Ulcer) के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए। ऐसे लोग भी सावधानीपूर्वक नींबू के प्रयोग करें जिन्हें नींबू के प्रयोग से चक्कर आते हैं या निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure) हो जाता है। ऐसे लोगों को भी नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए जिनका पेट संवदेनशील हो |
तो देखा आपने निम्बू का छिलका, रस, बीज, और पत्ते सभी कितने सारे औषधीय गुणों को समेटे रहते है , तो आप इन नुस्खो को अजमाए तथा रोगों को भगाए वो भी बिना किसी साइड इफ्फेक्ट के |

0 Reviews

Contact form

नाम

ईमेल *

संदेश *