बच्चों की परवरिश को दे ध्यान  रखे खयाल।

बच्चों की परवरिश को दे ध्यान रखे खयाल।

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अक्‍सर देखा गया है क‍ि प‍िता ज्‍यादा एक्‍सप्रेस‍िव नहीं होते। मतलब वो बच्‍चे से प्‍यार करते तो हैं लेक‍िन जताते नहीं है। पुराने समय से ऐसा ही चलन देखा गया है। लेक‍िन अब समय बदल चुका है। बच्‍चे अपने माता-प‍िता से जुड़ाव पसंद करते हैं और उन्‍हें दोस्‍त बनाकर रखना चाहते हैं। बच्‍चों से प्‍यार करने के साथ प्‍यार जताना भी जरूरी है। अपने बच्‍चों को ये एहसास द‍िलाएं क‍ि वो आपके ल‍िए क‍ितना खास हैं। बच्‍चे की सही पर‍िवर‍िश का आसान तरीका बताएं, तो बच्‍चे को समय दें। उसके साथ सख्‍त व्‍यवहार न रखें। बच्‍चे की समस्‍याओं को गंभीरता से लें और उसकी मदद करें। पुरुषों पर घर की आर्थ‍िक ज‍िम्‍मेदारी उठाने का भार होता है। ऐसे में वे पर‍िवार और बच्‍चों को समय नहीं दे पाते। ले‍क‍िन इसका बुरा असर बच्‍चे की परवर‍िश पर पड़ सकता है। भले ही आप हर द‍िन बच्‍चे को समय न दे पाएं, लेक‍िन छुट्टी वाले द‍िन बच्‍चे को समय देना न भूलें। बच्‍चे को समय देंगे, तो आपका और बच्‍चे का बांड मजबूत होगा। अगर आप प‍िता हैं, तो बच्‍चे के प्रत‍ि अपने व्‍यवहार की जांच करें। अगर आप बच्‍चे के प्रत‍ि ज्‍यादा कठोर हैं, या बच्‍चे पर ज्‍यादा गुस्‍सा करते हैं, तो बच्‍चा आपके प्रत‍ि लगाव नहीं रखेगा। ज्‍यादा कठोर व्‍यवहार रखने से बच्‍चे अपनी बातें शेयर करने से डरते हैं और आपके साथ समय ब‍िताने से भी कतराते हैं। बच्‍चे से गलती होने पर उसे समझाएं लेक‍िन स्‍वभाव को नम्र रखें।

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