ये जानना जरूरी है, महिलाओं की ये गलतियां पड़ती हैं सेहत पर भारी, कहीं आप तो नहीं है इनकी शिकार ।

ये जानना जरूरी है, महिलाओं की ये गलतियां पड़ती हैं सेहत पर भारी, कहीं आप तो नहीं है इनकी शिकार ।

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क्या आपको मालुम है कि आप स्वस्थ हैं? एक बार अपने आप से ये सवाल करें और शर्त ये है कि इसका जवाब पूरी तरह ईमानदारी से दिया जाना चाहिए।

कमर दर्द, सिरदर्द, थकान, अनिद्रा, बालों में असमय सफेदी, दांतों की प्रॉब्लम, अनियमित पीरियड्स या फिर दूसरी गाइनोकॉलोजिकल प्रॉब्लम्स और भी ना जाने क्या-क्या। आमतौर पर महिलाओं को कोई न कोई शिकायत होती ही है खुद से। आहार विशेषज्ञ बताते हैं, शहरी महिलाओं में घरेलू हो या कामकाजी, घर-बाहर की व्यस्तताओं के चलते वे अपने स्वास्थ्य पर बिलकुल ध्यान नहीं दे पातीं। खराब स्वास्थ्य का शिकार होने का दूसरा बड़ा कारण 'मोटी हो जाने का डर' है जिसकी वजह से वे ना तो ढंग से डाइट ले पा रही हैं और जो खाना चाहिए उसमें भी वे कटौती कर देती हैं। रंग काला ना पड़ जाए इसके डर से वे धूप में नहीं बैठती, और विटामिन डी की कमी इन समस्याओं के मूल में है। इन पढ़ी-लिखी हायर एजुकेटेड महिलाओं को वही बात उचित नजर आती है जो उनके नजरिए में सही है।




चैंबर ऑव कॉमर्स  एंड इंडस्ट्री का एक सर्वे बताता है कि भारत में हर 5 में से 4 महिलाएं किसी न किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रही हैं। वहीं दूसरी ओर मल्टीटास्किंग सीरियसली अफैक्टिंग कॉर्पाेरेट वुमन हेल्थ सर्वे में सामने आया है कि 78 फीसदी महिलाएं शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। वे खुद को फिट महसूस नहीं करती हैं। सर्वे के मुताबिक खराब लाइफ स्टाइल और डेली रुटीन की वजह से लगभग चालीस फीसदी महिलाएं मोटापे, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, पीठ दर्द, सिरदर्द और तनाव की शिकार हैं। जबकि 24-25 प्रतिशत महिलाएं क्रोनिक डिजीज  की चपेट में हैं।

टाइम मैनेजमेंट सीखें

ऐसा नहीं है कि वे कामकाजी होने की वजह से खुद पर ध्यान नहीं देना चाहती, वे ऐसा बिलकुल चाहती हैं लेकिन समय की कमी उनके लिए सबसे बड़ी समस्या बन रही है। लेकिन परफेक्ट टाइम मैनेजमेंट इस समस्या का हल भी है। अपने स्वास्थ्य को पहले पायदान पर रखना सबसे बड़ी और पहली जरूरत है और इस पर ध्यान जरूर दिया जाना चाहिए। आप अपनी व्यस्तताओं में से खुद के लिए टाइम निकालें। डाइट पर ध्यान दें। इंटरनेट पर सब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। आप अपने लिए नेट से डाइट प्लान निकालकर उस हिसाब से चलने लगती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि वो आपके  हिसाब से बना हो और आप पर कारगर रहेगा ही? इसलिए किसी आहार विशेषज्ञा से बात कर अपने लिए डाइट चार्ट बनवाएं और उसका पालन करें। संतुलित आहार और वर्कआउट  सबसे ज्यादा जरूरी है आज की लाइफ स्टाइल में।

ज्दाया बढ रही हैं जिम्मेदारियां

आज महिलाएं मल्टीटास्किंग हैं। वे घर-बाहर की सारी जिम्मेदारियां निभा रही हैं। कामकाजी ही नहीं घरेलू महिलाओं की जिम्मेदारियां भी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही हैं। पढ़ा-लिखा होने की वजह से वे हर तरह की जानकारियां रखती है, ये उनके काम को आसान बनाता है लेकिन दूसरी तरफ घर के साथ-साथ बाहर के काम भी उन्हीं के सिर आ रहे हैं। वर्किंग वुमन्स की स्थिति तो और ज्यादा खराब है। घरेलू कामों के साथ-साथ बच्चों बुजुर्गों की देखरेख, ऑफिस की जिम्मेदारी और सामाजिक आर्थिक जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते वे पस्त हो रही हैं। दिन का अंत होते-होते वे निढाल सी हो जाती हैं। ऐसे में खुद का खयाल रख पाने का खयाल तक उनके जेहन में नहीं फटक पाता। राजश्री वर्किंग वुमन हैं, वे कहती हैं घर बाहर की जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते रात तक ऐसी हालत हो जाती है कि किसी काम के बारे में ध्यान ही नहीं आ पाता। कमोबेश अधिकांश महिलाओं की यही हालत है। उन्हें दूसरों के हर काम के बारे में चिंता रहती है लेकिन अपने बारे में कोई खयाल नहीं आता। दूसरों के खाने-नाश्ते दवा से जुड़ी हर बात याद रहती है लेकिन खुद के  लिए दो रोटी बनाने में दिक्कत पेश आ जाती है। खुद को खाना खाना है और किचन में जाने का मन नहीं होता तो वे या तो जो ठंडा खाना रखा होता है उसी में पेट भर लेने की कोशिश करती हैं या फिर खाने का खयाल ही छोड़ देती हैं। जो उनकी सेहत के लिए घातक नुकसान है। ऐसा करना खुद के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। आप कामकाजी महिला हैं तो घर से नाश्ता करे बिना बाहर ना निकलें। सेहत का खयाल करना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

ड्रायफ्रूट्स बनेंगे अच्छे साथी

महिलाओं को हेल्दी फूड्स और कैलोरीज की बहुत आवश्यकता होती है। सूखे मेवों को अपने रुटीन में जरूर शामिल करें। बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, चिरोंजी, अंजीर आदि से शरीर को ओमेगा -3 सहित मैग्नीशियम जिंक  कैल्शियम और विटामिन ए व दूसरे कई मिनरल्स, काब्र्स, फैट आदि मिलते हैं जो सेहत की कुंजी साबित होते हैं। इनसे आपको काम करने के लिए ऊर्जा मिलेगी और काम से होने वाली थकान से आप चिड़चिड़पन महसूस नहीं करेंगी।

ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा

45 के बाद अकसर महिलाओं में हड्डियों के कमजोर होने का खतरा बना रहता है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से महिलाओं में हड्डियों का टूटना बड़ी समस्या है। चालीस से ज्यादा उम्र की महिलाओं में कैल्शियम और विटामिन्स की कमी हो जाती है जिससे ये रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा  पचास फीसदी महिलाओं में आयरन की कमी पाई जाती है। महिलाओं को विटामिन ए सी डी ई और आयरन युक्त भोजन की सबसे ज्यादा जरूरत है। दाल चावल गेहूं के अलावा बाजरा मक्का चना आदि भी  खाएं। प्रोटीन के लिए मीट फिश दाल दूध आदि का सेवन करें।




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