स्वस्थ रहने का  Tips

स्वस्थ रहने का Tips

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@ खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल-अनाज आदि का प्रयोग अवश्य करें। कोशिश करें कि आपकी प्लेट में 'वैरायटी ऑफ फूड' शामिल हो। खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।
@ कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें, जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे तो दफ्तर या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें। कोशिश करें कि दफ्तर में भी आपको बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठा रहना पड़े।
 कहीं भी बाहर से घर आने के बाद, किसी बाहरी वस्तु को हाथ लगाने के बाद, खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, खाने के बाद और बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। यदि आपके घर में कोई छोटा बच्चा है तब तो यह और भी जरूरी हो जाता है। उसे हाथ लगाने से पहले अपने हाथ अच्छे से जरूर धोएं।

@ प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। प्रदूषण के अति सूक्ष्म तत्व, जिन्हें मेडिकल की भाषा में फ्री-रेडिकल्स बुलाया जाता है, को साफ करने के लिए शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त कराना जरूरी है। यह तभी होता है, जब आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह काम कर रहा हो। आयुर्वेद के हिसाब से आपका पाचन तंत्र ठीक होगा तो शरीर में त्रिदोष- वात, पित्त और कफ कम होंगे, आव नहीं बनेगा, पाचन प्रक्रिया सुचारु चलेगी और खांसी-जुकाम, सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। वातावरण में फैले प्रदूषण का सामना करने और प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त करने के लिए आयुर्वेद दैनिक जीवन में अदरक, लहसुन, तुलसी, नीम, काली मिर्च, पीपली जैसी चीजें अपनाने पर बल देता है।
फेफड़ों को साफ करने में गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद आयरन हमारी धमनियों को भी साफ करता है, जिससे ब्लड में ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होती है और श्वास संबंधी दिक्कत कम होती है। रोजाना 5 ग्राम गुड़ का सेवन करना चाहिए। रात को गर्र्म दूध के साथ सोते समय भी गुड़ ले सकते हैं। इसे दिन में कभी भी खा सकते हैं। चाहे तो चाय में गुड़ भी डाल सकते हैं और इसकी सहायता से तिल के लड्डू भी बना सकते हैं।
’ रात को सोते समय त्रिफला ले सकते हैं। यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ पाचन तंत्र को भी सुचारु करने में मदद करेगा। एक चम्मच त्रिफला शहद, गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। इसे शहद के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद हैै। बच्चों के लिए त्रिफला का सिरप भी विशेषज्ञ के पास उपलब्ध होता है। जरूरतमंद बच्चे को सोते समय एक चम्मच सिरप दे सकते हैं। त्रिफला हमारे शरीर के तीन दोषों- वात, पित्त और कफ को सम प्रकृति में रखने में सहायक है। यानी ये दोष अगर बढ़े या घटे हुए हैं तो त्रिफला उन्हें संतुलित कर देता है|

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